झूठइ लेना झूठइ देना / झूठइ भोजन झूठ चबेना//

वह दिखता नहीं है. न दिखने के बावजूद वह है और उसके होने मात्र की आशंका हमें डरा रही है. उसे देख पाने के लिए तकनीक की , यंत्र की , समझ की जरूरत पड़ती है. हमारे साथ होता रहता है यह सब कि होने के बावजूद हमें नहीं दिख पाता क्योंकि हममें देख पाने के लिए आवश्यक क्षमता का विकास नहीं होता. नंगी आंखों से नहीं दिखने वाले अतिसूक्ष्म जीव या कि विषाणु से बचने हेतु जब हमनें अपने-आपको कैद करने का फैसला किया , लक्ष्मणरेखा न लाँघने की कसमें ली , तो शुरुआती दिनों में ऐसा लगा कि हम कुछ-कुछ सोचने-विचारने लगे हैं. ' इबादतगाह में सन्नाटा ' लिखते समय यह आशा थी कि खाली बैठा हुआ इंसान अपने अंदर एक तार्किक दृष्टि विकसित करने की कोशिश करेगा क्योंकि शीघ्र ही सोशल डिस्टेंसिंग का सच हमें दिखा था , जब न्यू इंडिया के हाईवे पर हजारों-लाखों बेबस भारतवासी अपने पूरे परिवार के साथ निकल पड़े थे. हम विचलित होने लगे थे कि यह इंडिया और भारत के बीच का डिस्टेंस है. हमने स्वीकारा यह डिस्टेंस ठीक नहीं है , हमें दूरी पाटने की कोशिश करनी चाहिए. हमने महसूस करना शुरू किया कि सोशल डिस्टेंसिंग हमारे सामाजिक जीवन का बेहद क...