जोनाथन लिविंगस्टोन सीगल

रिचर्ड बाख की एक अनोखी किताब है - जोनाथन लिविंगस्टोन सीगल ! 10,000 से भी कम शब्दों में सिमटी यह किताब उस समुद्री पक्षी की कहानी है जिसका उड़ना भोजनमात्र की खोज नहीं है. वह उड़ता है आसमान को छूने के लिए, आसमान से भी पार जाने के लिए. अपने खफ़ा हुए तो क्या, जमात से अपमानित कर बाहर निकाल दिए गए तो क्या, नितांत तन्हा रह गए तो क्या – लेकिन इस परवाज का मकसद भोजन की तलाश मात्र नहीं हो सकता. ----------------------- सुबह हो गई है, सूरज की किरनें समंदर पर एक अनोखी छटा बिखेर रही हैं. मछुआरों की नाव समंदर किनारे लग गई हैं और इसी के साथ हजारों की संख्या में ‘ सीगल’ भोजन की तलाश में झुण्ड बना कर इधर – उधर उड़ रहे है – बस खाने को कुछ मिल जाए. कुछ भी हो - मछली हो या केकड़ा. तभी एक सीगल शिशु आसमान से तट पर गिरता है और उसकी माँ चीखती है – “जॉन ! जॉन ! तुम कब सुधरोगे ? तुम्हारे साथ क्या परेशानी है, बताओ. तुम्हें बाकी सीगल बच्चों की तरह आराम से रहने में क्या दिक्कत होती है. हर घड़ी हवा मे...