गिव अप कंट्रोल, सर !

(कंपनियाँ अथवा आर्गेनाईजेशन अपने स्टाफ सदस्यों को टीम बिल्डिंग, लीडरशिप, मोटिवेशन आदि का प्रशिक्षण देती रहती हैं और तमाम मैनेजमेंट गुरुओं की चर्चा होती है, तमाम किताबों का जिक्र निकलता है. लेकिन हमारे यहाँ, भारत में होने वाली इन चर्चाओं में कोई रिकार्डो सेमलर की किताबों की चर्चा नहीं करता क्योंकि रिकार्डों सेमलर मैनेजमेंट की पारंपरिक सोच की बुनियाद को हिलाता है. इस रविवार टीकाचक में रिकार्डो सेमलर की एक किताब पर बातचीत करते हैं.) रिकार्डो सेमलर की “द सेवेन डे वीकेंड” पढ़ते समय बरबस एक कविता की कुछ पंक्तियाँ याद आ रही थीं – “पुत्र का आग्रह है खिड़कियाँ खोल देनी चाहिए ताकि सुनिश्चित हो सके हर घडी नूतन हवाओं का प्रवाह पिता अनुभवी है, लेकिन और उसने देखा है हवा में उड़ते छप्परों को वह निर्देश जारी कर...