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हौआ और नुनेज़ की आँखें

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एच जी वेल्स की एक प्रसिद्ध कहानी है – ‘द कंट्री ऑफ़ द ब्लाइंड.’ अपने छात्र जीवन में हम सबने इसके संक्षिप्त रूप को पढ़ा होगा. आजकल अनायास ही इस कहानी की याद आ जाती है और मुझे लगता हैं हमें इस कहानी को बार-बार याद करते रहना चाहिए.        बड़ी प्यारी कहानी है और बहुत कुछ कह जाती है. एक पर्वतारोही है – नुनेज़ ! पर्वतारोहण के एक अभियान में नुनेज़ पहाड़ से फिसलता है और एक अनोखी घाटी में पहुँच जाता है. यह एक ऐसी दुनिया है जहाँ के लोग अँधे हैं लेकिन उन्हें अपने अँधेपन की खबर नहीं. वे जी रहे हैं और मस्त हैं अपनी दुनिया में. दिन और रात में कोई फर्क नहीं. नुनेज़ के मन में लालच आता है और वह अपने मन में दुहराता है – ‘अँधों में काना राजा.’ नुनेज़ सोचता है वह इस घाटी का राजा बनेगा क्योंकि उसके पास आँख है. वह सोचता तो है, वह अपने मन में दुहराता तो है कि ‘अँधों में काना राजा ’ लेकिन नुनेज़ पर्वतारोही है , राजनेता नहीं. उसने अपने जीवन में कई साहसिक काम किये थे , पहाड़ तोड़े थे सही अर्थों में – राजा बनने में उसके यही गुण बाधक बन गए. राजनेता होता तो चीजें बड़ी आसान हो जातीं. र...